"अंधेरे मैं जीने को मजबूर नाराहट वासी ""
नाराहट/ललितपुर योगी सरकार भले ही लाख दावे करती हो पर ललितपुर जिले के कस्बे नाराहट में यह दाबे फेल होते नजर आते हैं। विधुत विभागआंखें मूंदे बैठा है। यूं तो नाराहट क्षेत्र बिजली समस्या से पहले से ही जूझता आ रहा है।
पर अभी कुछ दिनों से तो अंधेरे के आगोस में समाया हुआ है अभी वर्तमान में नाराहट में बिजली का आलम यह है कि केवल मीटर की बत्ती जलती दिखाई दे रही है। घरों में एक बल्ब का उजाला भी नसीब नहीं हो पा रहा है। वैसे तो यह आलम हर साल का रहता है पर इस बार का नजारा देखने लायक है। इस जटिल समस्या से कैसे निजात मिले। ऐसा नहीं कि इस समस्या से विद्युत विभाग अनजान हो विभाग को पता है कि क्या समस्या है पर इसकी सुद लेने वाला कोई नहीं है। लोगों का कहना है कि जब विभागीय कर्मचारियो से इस बारे में पूंछा जाता है तो उनके द्वारा बताया जाता है की फसल के लिए बोर चल रहे हैं उसकी वजह से परेशानी हो रही है। तो क्या बोर चलेंगे तो घरों में बिजली आ ही नही पाएगी यह एक जटिल समस्या है जिला प्रशासन को इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान कराना चाहिए।
""बत्ती गुल मीटर चालू "
यू तो यह एक फिल्म का टाइटल है पर नाराहट के लिए यह बिल्कुल सटीक बैठता है।फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे मीटर की बत्ती जलने से लाखो का फायदा होता है कंपनी को ।
पर यहा तो सिर्फ मीटर की बत्ती ही जल रही है घरों में तो बिजली आ ही नहीं रही है। मीटर बत्ती बराबर जलती हुई दिखाई पड़ रही है। लोग बताते हैं कि कुछ लोग तो यह तमाशा देख डरे जा रहे हैं की आज के समय पर भी क्या यह संभव है कही यह प्रेत बाधा तो नहीं है की लाइट तो है पर दिखाई नहीं पड़ रही है इस विकट समस्या से कस्बावासी काफी आहत और परेशान है।
""फसल के बोर चलने के कारण होती है समस्या""
लगता है कि सिर्फ नाराहट क्षेत्र में ही फसल उगाई जाती है और वहां पर ही बोर चलाए जाते हैं।क्योंकि हर वर्ष इसी समय लो वोल्टेज की समस्या क्षेत्र में पैदा होती है पर इस बार तो लो वोल्टेज ने हद ही पार कर दी।
क्या कारण रहता कि नाराहट फीडर में ही यह समस्या पैदा होती है। फसल की बुवाई के लिए तो बोर सभी जगह चलते हैं पर लो वोल्टेज सिर्फ और सिर्फ नाराहट के लिए ही रहता है विभाग द्वारा यह बात रखी जाती है कि बोर चलने के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है तो क्या विभाग इस बात को नहीं जानता कि बोर तो हर जगह चलते हैं पर समस्या सिर्फ यही क्यों होती है।लगता है विभाग यह चाहता ही नहीं है कि इस समस्या से निजात मिले अगर विभाग चाहता होता तो इस समस्या का समाधान ना जाने कब का हो गया होता।विभाग को लगता है कि यहां पर तो लोग रहते ही नहीं है जो भी चाहे जैसा भी चाहे मनमानी करते रहें।
""अधिकारी 1 दिन बिता के बताए अंधेरे में""
लोगों का कहना है कि जिस तरह से जिंदगी जीने को हम सभी क्षेत्रवासी मजबूर हैं वैसे में सिर्फ एक दिन ही अधिकारी अंधेरे में रह कर दिखाएं तब अधिकारियों को पता चले की यहां के लोग कैसे बिना बिजली के जीवन यापन कर रहे हैं अधिकारियों को अंदाजा भी नहीं है कि हम लोग कैसे अंधेरे में अपने कार्य करते होंगे कैसे बच्चे पढ़ते होंगे कैसे रात्रि में भोजन बनाया जाता होगा और कैसे कीट पतंगों से अंधेरे में अपना बचाव करते होंगे।
""अंधेरी में सजेगी मां दुर्गा की झांकियां""
इस बार लगता है कि मां दुर्गा की झांकियां अंधेरे में ही सजाई जाएगी कल से मां दुर्गा की झांकियां सजने वाली है नवदुर्गा का व्रत चालू होने वाला है।
मां की झांकियां अंधेरे में सजेगी और मां के दर्शन के लिए लोग अंधेरे में ही जाएंगे।
""अंधेरे में अपराधियों की रहती है मौज""
जब सारे कस्बे में अंधेरा छाया रहता है तो अपराधियों की भी मौज रहती है अपराधी चाहते ही है कि अंधेरा रहे अंधेरे का फायदा उठाकर ही अपराधी अपराध करने लगते हैं और अब तो मां का दरबार भी लगने वाला है तो अराजक तत्व तो चाहते ही होंगे कि अंधेरा कायम रहे जिससे दरबार में आने वाले दर्शनार्थियों के साथ अभद्रता कर सके।
""इनका कहना ""
सिंचाई के कारण ओवर लोड होने की वजह से अभी लो वोल्टेज रहेगा क्यों कि नाराहट फीडर में 40 से ऊपर गांव है । तत्काल में समस्या के हल का कोई उपाय नहीं है। भविष्य में नये पावर हाउस बनने के बाद नाराहट को उससे जोड़ दिया जाएगा तब समस्या हल होगी ,
सूरज भान सिंह
एसडीओ विद्युत विभाग
रिपोर्ट देवदत्त पाठक कपिल नाराहट
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