उत्तर प्रदेश की झांसी लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के वर्तमान सांसद अनुराग शर्मा और इंडिया गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य के बीच था। 2014 के चुनाव में इस सीट से मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने चुनाव जीता था. वहीं 2019 में अनुराग शर्मा सांसद बने थे। इस जीत के साथ भाजपा ने झांसी लोकसभा से जीत की हैट्रिक बनाई है।
राजनीतिक कार्यकर्ताओं को 4 जून यानि अब तक जिस घड़ी का इंतजार था, वो खत्म हो गया। लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना का दिन है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। लोग यह जानने को आतुर थे कि आखिर इस बार उनके यहां से कौन सांसद बन रहा है। उत्तर प्रदेश की झांसी लोकसभा सीट पर 5वें चरण में 20 मई को वोटिंग हुई थी। यहां कुल 63.70 फीसदी वोट पड़े थे। इस बार मुख्य मुकाबला बीजेपी के उम्मीदवार और वर्तमान सांसद अनुराग शर्मा और कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य के बीच था।
भाजपा प्रत्याशी अनुराग शर्मा ने इंडिया गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप जैन आदित्य को हराकर दूसरी बार सांसद बने है और उनके परिवार के लिए स्वर्णिम क्षण मानने का चौथा अवसर है क्योंकि पूर्व में वर्तमान सांसद के पिता विश्वनाथ शर्मा 1980–84 में झांसी से और 1991–96 में हमीरपुर से सांसद थे।
भाजपा 102614 वोटो से जीती
भाजपा प्रत्याशी अनुराग शर्मा को 690316 मत मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 587702 मत मिले। कुल 1380506 वोट पड़े। सबको पछाड़कर भाजपा ने 102614 वोटो से जीत दर्ज की।
2019 का परिणाम
साल 2019 में इस सीट पर कुल 67.68 फीसदी वोट पड़े थे। उस समय बीजेपी के टिकट पर अनुराग शर्मा को कुल 8 लाख 9 हजार वोट मिले थे और वह 3 लाख 65 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए थे। इस चुनाव में सपा के श्याम सुंदर सिंह यादव 4 लाख 43 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं कांग्रेस के टिकट पर शिव शरण कुशवाहा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की थी। हालांकि उन्हें केवल 86 हजार वोट ही मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई।
2014 का परिणाम
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में भी झांसी लोकसभा सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिला था। उस समय बीजेपी के टिकट पर उमा भारती यहां से 5 लाख 75 हजार वोट पाकर करीब 1 लाख 90 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीत गईं थीं। उन्होंने सपा के डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव को हराया था। उन्हें 3 लाख 85 हजार वोट मिले थे। इसी प्रकार बसपा की अनुराधा शर्मा 2 लाख 13 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर और कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य 84 हजार वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे थे।
झांसी लोकसभा का इतिहास
देश की आजादी के साथ अस्तित्व में आई इस लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था। उस समय कांग्रेस पार्टी के रघुनाथ विनायक धुलेकर यहां से सांसद चुने गए थे। हालांकि अगला तीन चुनाव कांग्रेस की ही सुशीला नैयर जीतीं और 1971 में यहां से कांग्रेस पार्टी ने सुशीला नैयर का टिकट का दिया और गोविंद दास रिछारिया सांसद चुन लिए गए। 1977 के चुनाव में सुशीला नैयर जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरीं और कांग्रेस के उम्मीदवार को हरा कर सांसद बनीं। हालांकि 1980 और 1984 के चुनाव में फिर से कांग्रेस को विजय मिली। इसके बाद लगातार चार चुनाव बीजेपी के राजेंद्र अग्निहोत्री जीते। 1999 में सुजान सिंह बुंदेला ने एक बार फिर से यह सीट जीत कर कांग्रेस की झोली में डाल तो दी, लेकिन 2004 के चुनाव में वह यह सीट बचा नहीं पाए और सपा के चंद्रपाल सिंह यादव सांसद चुन लिए गए। 2009 में कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य जीते और 2014 में बीजेपी के टिकट पर यहां से उमा भारती सांसद बनीं। फिर 2019 में बीजेपी के ही टि
कट पर अनुराग शर्मा यहां से चुने गए।
शांतिपूर्ण रही मतगणना
सुबह 8 बजे शुरू हुई मतगणना देर शाम 6 बजे तक चलती रही। भीषण गर्मी, दूरस्थ स्थान होने के कारण मतगणना स्थल पर भीड़ कम रही। दुरुस्त कानून व्यवस्था के चलते पूर्ण रूप शांतिपूर्ण मतगणना हुई।
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