तालबेहट(ललितपुर)।मामला तहसील तालबेहट के अन्तर्गत थाना पूराकला क्षेत्र के ग्राम गेवरा-गुंदेरा के बाहरी क्षेत्र में कुछ तथाकथित लोग एक साजिश के तहत सिद्ध बाबा का फर्जी दरबार की अपवाह उड़कर लोगों को असाध्य और गंभीर बीमारियों को ठीक करने का दावा कर रहे थे। इस दरबार का प्रचार प्रसार करने के बाद यहां पर बीमारी से ग्रसित मरीज और उनके तीमारदारों की भीड़ इकठा होना शुरू हो गई थी और यहां पर तथाकथित लोगों द्वारा बनाए गए कृत्रिम कुंड में नहाकर बीमारियों का इलाज करने के नाम पर बड़ी मात्रा में चढ़ोत्तरी चढ़ाने का भी सिलसिला शुरू हुआ था। चढ़ोत्तरी में दान आया लाखों रुपए डकार गए आरोपी, इसकी भनक जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों को लगी, उन्होंने इस मामले की पूरी जांच पड़ताल कराई और वन्यक्षेत्र इलाके में संचालित होने वाले इस फर्जी दरबार को बन विभाग के अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से कार्यावाही करते हुए बंद करवाया था। इस मामले का खुलासा स्वयं डीएफओ ने सोशल मीडिया के माध्यम से किया था, जिसमें दरबार के फर्जी होने का दावा किया गया था। इस मामले के परिपेक्ष में वन विभाग द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुराकलां पुलिस ने 11 नामजद एवं 8 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला पंजीकृत कर कार्रवाई की है। कुछ लोगों का आरोप यह भी है कि इस मामले में इलाके के कुछ अन्य रसूखदार लोग भी सम्मिलित थे, लेकिन उनके दबदबे के आगे प्रशासन और पुलिस नतमस्तक हो गई और उनका नाम इस मामले से अलग कर दिया गया।
दैविय चमत्कारिक सिद्ध बाबा स्थान बताकर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया व वहां बने हुए एक पानी और कीचड़ से भरे कुंड में नहाने के बाद गंभीर और असाध्य रोगो को ठीक होने की अपवाह फैला रहे थे। जैसे ही तथा कथित जालसाजों के गुर्गों द्वारा इलाके में यह अपवाह फैलाई गई, वैसे ही यहां पर मरीज और उनके तीमारदारों की भीड़ एकत्रित होने लगी। यहां पर आसपास के छोटे-छोटे दुकानदार अपनी प्रसाद और अन्य जरूरी चीजों की दुकान लगाकर अपनी बिक्री करने लगे। कुछ दिनों बाद यहां का नजारा ऐसा हो गया कि यहां पर कोई चमत्कारिक देवता है, जिसकी वजह से गंभीर बीमारियाँ ठीक होते हैं। कई दिनों तक प्रसाद और चढ़ावा चढ़ाने के बाद जब इस मामले की जानकारी वन विभाग को हुई, तो वन विभाग के अधिकारियों ने तत्काल पुलिस और प्रशासन की मदद से इस मामले की छानबीन की और वहां पर बनाए गए चमत्कारिक दैविय स्थान के बारे में जांच पड़ताल की। इस जांच पड़ताल में अधिकारियों ने वहां पाया कि कुछ तथा कथित लोग पास में ही बने चेकडैम से पानी का पाइप डालकर एक स्थान पर चमत्कारिक पानी निकालने का दावा कर बीमारियों को ठीक होने का भी दावा कर रहे थे। जैसे ही यह पूरी घटना संज्ञान में आई वैसे ही डीएफओ गौतम सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस पूरे फर्जी दरबार के मामले की जानकारी लोगों तक पहुंचाकर उन्हें जागरूक किया। जिसके बाद तालबेहट रेंज के बंद दरोगा हिरदेश चंद्र ने थाना पूराकला पुलिस को एक शिकायती पत्र देकर पूरे मामले से अवगत कराया। वन दरोगा द्वारा थाना पूरा कला पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में अवगत कराया गया था कि इलाके में संचालित होने वाले फर्जी दरबार को संचालित करने के मामले में मुन्ना बाबा, कमला सहरिया, दिनेश पुत्र सुरेश लोधी, मनीराम गुप्ता, शिशुपाल पुत्र शीतल राजपूत, शोभाराम लोधी, सोबरन लोधी, फोटो स्टूडियो नामक अज्ञात ग्रामीण, रामकिशन यादव, प्राण सिंह पुत्र दशरथ लोधी, राघवेंद्र पुत्र स्वर्गीय नारायण सहित करीब आठ अज्ञात लोग इलाके में फर्जी मनगढ़ंत दरबार चला रहे थे। जिसके परिपेक्ष में थाना पूरा कलां पुलिस ने सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ 295ए 504 506 व 2663 भारतीय वन अधिनियम 1927 की धाराओं सहित
सभी पर गंभीर मामला पंजीकृत कर कानूनी कार्यवाही की गई है।
रिपोर्ट - महेंद्र बुंदेला
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