पर्यूषण पर्व के लिए तैयारियां पूर्ण, धार्मिक अनुष्ठानों के साथ होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम।
गुरुवार को क्रोध कषाय छोड़कर उत्तम क्षमा धर्म को धारण करने की प्रेरणा देगा दशलक्षण का प्रथम दिन।
तालबेहट(ललितपुर) सिद्ध क्षेत्र पावागिरि सहित कसबे के दोनों जैन मंदिरों में गुरुवार से शुरू हो रहे जैन धर्म के दशलक्षण महापर्व के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गयीं हैं। भारतीय जैन मिलन वासुपूज्य जिनालय शाखा के अध्यक्ष विशाल जैन पवा ने बताया कि 10 दिन चलने वाले इस पर्यूषण पर्व में उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन और ब्रह्मचर्य धर्म की साधना के साथ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जायेगा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। माघ, चैत्र और भाद्र पद तीनो माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी से प्रारम्भ होकर चौदस तक चलने वाले पर्यूषण पर्व जैन धर्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। लेकिन चातुर्मास की बेला में पड़ने के कारण भाद्रपद मास में इसका महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है। यह आध्यात्मिक पर्व आत्मशुद्धि, तप, स्वाध्याय, ध्यान और क्षमा का विशेष अवसर प्रदान करता है। गुरुवार को दशलक्षण का प्रथम दिन क्रोध कषाय छोड़कर उत्तम क्षमा धर्म को धारण करने की प्रेरणा देगा। इन दस दिनों में जैन धर्माबिलाम्बी आत्म कल्याण की भावना से प्रतिदिन के पापों का प्रायश्चित प्रतिक्रमण एवं व्रत-उपवास कर धर्म साधना करते हैं।
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